नमामी गंगे प्रोजेक्ट के पहले धनबाद की आधारभूत संरचना मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री को ईमेल

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मनीष रंजन की रिपोर्ट
धनबाद जो मिलेनियम सिटी के नाम से जाना जाता है। देश की कोयला राजधानी कहलाने वाले शहर में बुनियादी चीजों के अभाव का तमगा लगा हुआ है। न यहां की ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु है न विधि व्यवस्था सुदृढ है और न ही आधारभूत जरूरत बिजली, पानी और नाले की व्यवस्था है। कई संरचनाएं सिर्फ कागजों पर ही सीमित रह गए हैं। अब जबकी भारत सरकार के तरफ से नमामी गंगे और नगर निगम, धनबाद के मोबिलिटी प्लान को मंजूरी देते हुए आठ सौ करोड रूपये की मंजूरी मिल गई है तो आनन फानन में झारखंड सरकार ,धनबाद के सीवरेज सिस्टम एवं शहर में बसों के परिचालन को लेकर शहर के कायाकल्प को बदलने के लिए एक बैठक हुई जिसमें धनबाद की प्रबुद्ध संस्थायें एवं लोगों ने अपनी बातों को रखा है। धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ईमेल कर सुझाव दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को धनबाद जैसे प्रदुषित शहर के प्रदुषण को कम करने के लिए शहर में इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन करने का स्वागत किया है तथा उन्होंने सुझाव देते हुए कहा है कि धनबाद की बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करने के बाद ही सभी कार्यक्रम को अंजाम देने की जरूरत है। इस शहर में न चौड़ी सड़क है और न ही ट्रैफिक व्यवस्था के लिए पर्याप्त बल और न ही ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था है। शहर में लगे कैमरे भी सुचारू रूप से काम नहीं करते हैं। उन्होंने पंद्रह लाख शहरी आबादी वाले शहर के विकास के लिए जो राशि मिली है उसके लिए प्रबुद्ध बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं की बैठक प्रशासन एवं निर्माण करने वाली एजेंसी के प्रतिनिधियों एवं केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच चर्चा करने के बाद ही कार्य करने की जरूरत की बात कही है।
उन्होंने पत्र की प्रति मुख्यमंत्री, झारखंड राज्य, अपर मुख्य सचिव, झारखंड सरकार, प्रधान सचिव, नगर विकास, झारखंड सरकार, उपायुक्त ,धनबाद, सांसद, धनबाद, धनबाद जिले के सभी विधायक, नगर आयुक्त, धनबाद को ईमेल कर विचार करने की अपील की है।

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