एसएनएमएमसीएच के हटाये गए 120 संविदाकर्मी हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवा चरमरायी

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चंदन पाल की रिपोर्ट

धनबाद जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएनएमएमसीएच जहां जिले के साथ साथ अन्य जिलों के मरीज बेहतर इलाज को लेकर प्रति दिन पहुंचते हैं। उसी एसएनएमएमसीएच अस्पताल के 120 संविदाकर्मियों के छंटनी के आदेश सरकार ने दिये हैं। छंटनी आदेश के विरोध में संविदाकर्मियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। संविदाकर्मियों के हड़ताल में जाने से अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। इलाज कराने आये मरीज घंटो इंतजार करने के बाद वापस जाने को विवश हो गए।एसएनएमएमसीएच अस्पताल के मुख्य गेट के सामने छंटनी किये जाने के विरोध में संविदाकर्मियों ने प्रदर्शन किया। वंही संविदाकर्मी सरकार के इस फैसले से हताश,निराश है। संविदाकर्मी गुस्से में है।एक संविदाकर्मी काजल चंद्र नाग ने कहा कि 2015 से अस्पताल में सेवा दे रहे हैं। कोरोना काल जैसे समय मे सभी आदेश को मानते हुए काम किये। आज आचनक सरकार बिना कारण नौकरी से हटने का फरमान जारी कर दी है।उम्र के इस पड़ाव में कोई नोकरी के लिये अप्लाई नही कर सकते है। इस नोकरी के भरोसे सभी अपना परिवार का भरण पोषण करते आ रहे है।आखिर वे सभी कहाँ जाए, क्या करे ? यह निर्णय इंसानियत और मानवता के खिलाफ है। सरकार से मांग है कि सभी संविदाकर्मी को पुनः बहाल किया जाय।वहीं गिरिडीह जिले से इलाज कराने आये कई मरीजों ने बताया कि आने पर आचनक मालूम चला कि संविदाकर्मी हड़ताल पर चले गए है। बिना इलाज के ही वापस जाना पड़ रहा है।

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