लाइलाज होता सिटी सेंटर मेमको मोड़ सड़क पर रानीबांध के निकट जलजमाव, प्रशासन भी बेपरवाह
मनीष रंजन की रिपोर्ट
धनबाद नगर को नगर कहा जाये या धनबाद नरक, यह अब और भी सोचनीय हो गई है। धनबाद शहर के सिटी सेंटर से मेमको मोड़ को जोड़ने वाली सड़क जो पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत आती है की दयनीय स्थिति से कोई भी अछूता नहीं है। इस रोड से गुजरने वाले हजारों वाहन हैं जिसमें धनबाद के जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों के भी होते हैं। यहां के जलजमाव को लेकर गंदे पानी में बैठकर आंदोलन से लेकर सभी तरह के मीडिया में कई बार सवाल उठाए गए हैं।
धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने राज्य के अपर सचिव, पथ निर्माण विभाग, धनबाद उपायुक्त, नगर आयुक्त, धनबाद, पथ निर्माण विभाग, धनबाद सहित आइआइटी-आइएसएम के निदेशक को इस पर संज्ञान लेकर सड़क पर हो रहे जानलेवा जलजमाव को पत्र लिखकर ईमेल कर जानकारी दी है। यह जलजमाव आइआइटी-आइएसएम के अंदर से बह रहे गंदे जल से होता है जो बारिश के बाद और भयावह रूप ले लेता है। आइआइटी-आइएसएम के जल को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए भी लिखा गया है लेकिन कोई भी सरकारी महकमा इसे जरूरी नहीं समझ रहा है और यह दिन प्रतिदिन भयावह गढ्ढे के रूप में तब्दील होता जा रहा है जहां हर दिन दुर्घटनाएं घटित हो रही है और लोग अपनी जान जोखिम में डालने को मजबूर हो रहें हैं चूंकि आने जाने का और कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है। इस मुद्दे को अनंत सोच लाइव न्यूज पोर्टल ने भी प्रमुखता से रखा है लेकिन सरकारी मुलाजिमों ने शायद इस सड़क पर हो रहे जलजमाव के बारे में सोचना ही छोड़ दिया है।