लालमणि वृद्धाश्रम में रह रहे नारायण दा नहीं रहे,सोलह वर्ष से रह रहे थे आश्रम में
मनीष रंजन की रिपोर्ट
धनबाद: लालमणि वृद्धाश्रम (अपना घर ) में सोलह वर्षो से आश्रय ले रहे नारायण दा नहीं रहे।शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। आश्रम के अध्यक्ष नौशाद गद्दी, सक्रिय सदस्य ओंकार मिश्रा, कुमार मधुरेन्द्र सिंह, बाबू जान सोरेन, सुबल सिंह, विजय सिंह, सीताराम चौधरी, मनमोहन सरकार, अजीत चक्रवर्ती समेत अन्य लोगों ने उनकी अर्थी को कंधा दिया। आश्रम के समीप ही कदैइया रोड स्थित घाट पर उनका अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज़ के साथ किया गया। नारायण दा की मृत्यु से उनकी बहन रेखा दीदी व आश्रम के सभी बुजुर्गों की आंखें नम हैं।
आश्रम के अध्यक्ष नौशाद गद्दी ने बताया 16 वर्ष पूर्व नारायण दा व उनकी बहन रेखा दीदी आश्रय लेने आश्रम आए थे। नारायण दा बचपन से ही नेत्रहीन थे। उनकी बहन भी देख नही सकती। आश्रम में रहते हुए नारायण दा अपनी बहन के साथ रोजाना सुबह शाम भजन गायन किया करते थे। उनका सारा समय भगवान की आराधना करते हुए ही बीतता था। आज उनके चले जाने से आश्रम परिवार में बेचैनी है। आश्रम के बुजुर्ग उनके साथ बिताये पल को याद कर रो पड़ते हैं।
आश्रम के अध्यक्ष नौशाद गद्दी ने कहा आज का दिन बेहद ही मर्माहत करनेवाला दिन है चुंकि एक तरफ नारायण दा तो वही दूसरी तरफ ओल्ड एज होम सुगियाडीह में आश्रय ले रही सावित्री दीदी ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया। ईश्वर दोनों ही पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करे।