ईदगाह और मस्जिदों में नहीं होगी ईद की नमाज।
देश में चल रहे लॉक डॉन और कोरोनावायरस को मद्देनजर रखते हुए ईद की नमाज की जगह शुक्राने की नमाज अपने घरों पर पढ़ें और लॉक डाउन पर अमल करें।
यह बातें राज्य हज कमेटी के सदस्य हाजी ईकरारुल हसन आलम ने कहीं उन्होंने कहा कि इस समय कोरोनावायरस से बचाव का एकमात्र उपाय शारिरिक दुरी ही काफी है जबतक कि इसकी कोई दवा नहीं आ जाती।
हाजी आलम ने मुसलमानों से अपील की है कि जिस प्रकार पुर्व की भांति कोविड -19 से बचने में पुरी एहतियात बरता गया है उसी प्रकार आगे भी बचने की कोशिश करें। देश में कोरोना संकट के कारण लॉक डाउन-4 चौथी बार 31 मई तक बढ़ाया गया है इसलिए ईद की नमाज ईदगाहों और मस्जिदों में नहीं पड़े जाने का निर्णय राज्य और केंद्र सरकार ने लिया है लेहाजा हमलोग सरकार के निर्णय का पालन करें।
हाजी आलम ने कहा कि हमलोगों ने लॉक डाउन के दौरान जुमा सहित कोई भी नमाज जमात से मस्जिदों में न पड़कर घरों में अदा किया
है, यहां तक कि तराविह और रमज़ान महिने का अंतिम जुमा जिसे अलविदा कहा जाता है कि नमाज भी मस्जिदों में नहीं पढ़ी गई और लोगों ने जुमा की नमाज के बदले जोहर की नमाज अपने अपने घरों में अदा की।
हाजी इकरारुल हसन आलम ने कहा कि देश में जितने भी मुस्लिमों के धार्मिक और सामाजिक संगठन है उसमें खासकर एमारत ए शरिया, एदार-ए-शरिया, जमियत उलेमा-ए-हिंद, अंजुमन इस्लामिया रांची सबों ने मस्जिदों ईदगाहों में ईद की नमाज अदा नहीं करने की अपील की है।