केंद्रीय वित्त मंत्री जी को पत्र लिखकर स्थानांतरण का विरोध
मनीष रंजन की रिपोर्ट
औधोगिक नगरी एवं देश की कोयला राजधानी धनबाद से भारतीय स्टेट बैंक के जोनल ऑफिस के देवघर ऑफिस में विलय का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है जो स्वाभाविक भी है । आज उसी विरोध की कड़ी में फेडरेशन ऑफ धनबाद जिला चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज के महासचिव श्री अजय नारायण लाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर बताया कि धनबाद के लिए भारतीय स्टेट बैंक का जोनल ऑफिस का रहना कितना जरूरी है और धनबाद कार्यालय देश एवं राज्य के राजस्व में कितना योगदान देता है । उन्होंने कहा कि कोयला राजधानी धनबाद के जोनल कार्यालय को साजिश के तहत देवघर जोनल कार्यालय के साथ विलय किया जा रहा है, जो बिल्कुल अनुचित है।धनबाद जोनल कार्यालय के अंतर्गत छह जिले क्रमशः धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, गिरिडीह, कोडरमा एवं चतरा सीधे रूप से जुड़े हुए हैं। सभी जिले औधोगिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। ये सभी ज़िले व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। धनबाद में भारत सरकार के कई उपक्रम हैं तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान भी हैं जो भारतीय स्टेट बैंक से कारोबार करते हैं। धनबाद जोनल ऑफिस का कारोबार पूरे देश में ऊपर के पायदान पर अपना स्थान रखता है । ऐसे में धनबाद कार्यालय को देवघर कार्यालय में समावेश करने का कोई औचित्य नहीं है । देवघर कार्यालय के अंतर्गत मात्र तीन क्षेत्रीय कार्यालय आते हैं एवं उनके क्षेत्र में पडने वाले जिले किसी भी रूप में औधोगिक क्षेत्र में नहीं आते। ऐसे में धनबाद कार्यालय को देवघर कार्यालय में समावेश करने के आदेश को निरस्त कर धनबाद शहर में ही रहने देने की गुजारिश की है ।