बिग बाजार द्वारा खुलेआम कपड़ों की बिक्री
मनीष रंजन की रिपोर्ट
वैश्विक महामारी कोविड 19 की वजह से पूरे धनबाद में लाॅकडाउन लागू है । आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर कुछ-कुछ दुकानों को ही खोलने का आदेश दिया गया है । बिग बाजार को भी आवश्यक वस्तुओं की ऑनलाइन डिलीवरी करने का आदेश है । पर सरकार के आदेश को धत्ता बताते हुए वो रेडीमेड कपड़ों की भी बिक्री कर रहा है जिसका सबूत बिग बाजार के द्वारा इश्यू किया हुआ कैश मेमो है ।
यह मध्यम वर्गीय व्यापारियों के साथ घोर अन्याय हैं। जिला प्रशासन के द्वारा छोटे दुकान खोलने की बंदिश है पर बिग बाजार जैसे बड़े प्रतिष्ठानों में सरकार द्वारा लाॅकडाउन पीरियड में जो प्रतिबंधित है अभी उनकी धड़ल्ले से बिक्री की जा रही है । पुराना बाजार चैंबर के सचिव श्री श्रीकांत अग्रवाल ने सारे आरोप जिला प्रशासन के तरफ से लापरवाही की ओर इंगित किया है । उन्होंने यह भी कहा कि सारे प्रतिबंध मध्यमवर्गीय व्यवसायियों के लिए ही है। अगर प्रशासन को कोई सहयोग चाहिए होता है तो वह मध्यमवर्गीय व्यापारियों से लेती है और उनको प्रशासन के नियमों का हवाला देकर दुकान ना खोलने की हिदायत दी जाती है ताकि उन पर कोई कानूनी कार्रवाई ना हो पर क्या एक बिग बाजार जैसी प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान को इस महामारी के विकट समय में जहां प्रशासन का कपड़ा ,ज्वेलरी, जूते बेचने का आदेश नहीं है उसे धड़ल्ले से बेचना क्या न्याय संगत है ?