National News सीएसआईआर-सीएमईआरआई ने विकसित किया नया वेंटिलेटर

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National News दुर्गापुर स्थित केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीएमईआरआई) के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच स्वदेशी तकनीक पर आधारित एक नया वेंटिलेटर विकसित किया है। इस वेंटिलेटर का अनावरण बुधवार को सीएसआईआर-सीएमईआरआई के निदेशक प्रोफेसर (डॉ) हरीश हिरानी और हेल्थ वर्ल्ड हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, दुर्गापुर के प्रबंध निदेशक डॉ अरुणांग्शु गांगुली की मौजूदगी में किया गया है।

प्रोफेसर हिरानी ने बताया कि “इस वेंटिलेटर के बेलो (Bellow) डिजाइन, नियंत्रकों और एम्बेडेड इलेक्ट्रॉनिक्स को किफायती लागत सुनिश्चित करने और संबंधित उद्योगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विशेष रूप से अनुकूलित किया गया है। हेल्थ वर्ल्ड हॉस्पिटल और विवेकानंद अस्पताल, दुर्गापुर के स्वास्थ्य पेशेवरों के महत्वपूर्ण फीडबैक के आधार पर वेंटिलेटर में कई तकनीकी और डिजाइन संबंधी परिवर्तन किए गए हैं। इस वेंटिलेटर की कीमत लगभग 80,000-90,000 रुपये के बीच है। वेंटिलेटर को आवश्यकता के अनुसार उन्नत किया जा सकता है।”http://anantsoch.com

प्रोफेसर हिरानी ने बताया कि “किसी रोगी के लिए प्रभावी वेंटिलेटर की उपलब्धता के साथ-साथ उपस्थित स्वास्थ्य-कर्मियों की प्रतिक्रिया भी समान रूप से महत्वपूर्ण होती है। इस संस्थान का दृष्टिकोण यांत्रिक वेंटिलेटर के कामकाज को स्वचालित करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षमताओं का उपयोग करना भी है, ताकि तकनीकी खूबियों से लैस वेंटिलेटर स्वचालित रूप से मरीज की स्वास्थ्य स्थिति में उतार-चढ़ाव के मुताबिक प्रभावी प्रतिक्रिया दे सके।”National News

डॉ अरुणांग्शु गांगुली ने बताया कि “सीएसआईआर-सीएमईआरआई के शोधकर्ताओं ने हेल्थ वर्ल्ड हॉस्पिटल के विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस वेंटिलेटर से जुड़ा शोध एवं विकास कार्य किया है।” उन्होंने कहा कि सीएसआईआर-सीएमईआरआई हेल्थकेयर पेशेवरों के साथ मिलकर देश की वेंटिलेटर विकसित करने की क्षमता में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह पहल देश के चिकित्सा देखभाल उपकरणों के निर्माण क्षेत्र को मजबूत करने में मददगार हो सकती है, जिससे इन उपकरणों के आयात पर होने वाले खर्च को बचाया जा सकता है।

प्रोफेसर हिरानी ने बताया कि “वेंटिलेटर के विभिन्न हिस्सों को अलग-अलग उद्योगों द्वारा स्वतंत्र रूप से विकसित किया जा सकता है। इसलिए, इस वेंटिलेटर के बड़े पैमाने पर उत्पादन से उद्योगों के व्यापक स्पेक्ट्रम को बढ़ावा मिल सकता है। वेंटिलेटर्स की कम लागत से समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी और साथ ही सरकारी सहायता प्राप्त स्वास्थ्य योजनाओं को मजबूत बनाने में भी मदद मिलेगी। इससे निचले स्तर पर स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढाँचे को विकसित करने में भी मदद मिलेगी। हम इस नये विकसित वेंटिलेटर के त्वरित व्यावसायीकरण के लिए कई उद्योगों के साथ बातचीत कर रहे हैं, ताकि अस्थायी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं में इन वेंटिलेटर की पहुँच सुनिश्चित की जा सके।”

प्रोफेसर हिरानी ने इस वेंटिलेटर को विकसित करने के लिए संस्थान के शोधकर्ताओं की सराहना की है, जिनमें डॉ अनुपम सिन्हा, संजय हंसदा, कल्याण चटर्जी और अविनाश यादव शामिल हैं।National Newshttps://www.youtube.com/channel/UCdbhHm3ND1sFBitdH0XNa_g

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