विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रकृति ने लखीसराय जिले में कराया झमाझम बारिश।

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डॉ आर लाल गुप्ता, सूर्यगढ़ा लखीसराय


वैसे कोरोनावायरस के प्रकोप से बचने के लिए एहतियात तौर‌ पर सरकार के द्वारा ली गई लाकडाउन के फैसले के असर से ट्रेन से लेकर वाहनों का परिचालन के साथ ही कल-कारखानों भी बंद कर दिये ग्रे जिसका साकारात्मक प्रभाव का असर देखने को यह मिला कि सबसे प्रदुषित यमुना व गंगा नदी का जल में आमूलचूल परिवर्तन हुआ और काफी हद तक उक्त नदियों का जल स्वच्छ हो गया। जबकि कल कारखाने के बंद होने,वाहन का परिचालन पर विराम लगने से वातावरण काफी हद तक साफ हुआ है। वही पौधारोपण पर भी सरकारी तौर पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है और पौधारोपण कार्य भी कराये गये है। जिले के कजरा स्थित पौधशाला से प्रति वर्ष किसानों के बीच मामुली दाम में पौधे वितरित किए जा रहे हैं । वनपाल विरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस साल बाईस प्रजाति के पौधें तैयार की गई है जिसे जुलाई माह से वितरण किया जाएगा।यह दीगर बात है कि पौधे लगाने का सिलसिला सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा की जाती रही है। परन्तु बृक्षों की अबैध‌ कटाई बदस्तूर जारी है। बताते चलें कि वन विभाग में बरसों से बहाली नहीं होने के कारण‌ बल की कमी है जिससे वनों के बृक्षों का हिफाजत नहीं हो पा रहा है। जिसकी हिफाजत आवश्यक है। वही विश्व पर्यावरण दिवस पर लखीसराय रेड क्रास के चेयरमैन डॉ रामानुज के आहृवान पर विभिन्न स्थानों पर बृक्षारोपण किया गया तो प्रकृति के द्वारा हुई झमाझम बारिश से पौधे में रौनक आ गई।

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