डीएसटी ने कोविड-19 पर केंद्रित स्वास्थ्य और जोखिम संचार कार्यक्रम पर सूचना विवरणिका जारी की
इसमें जमीनी स्तर पर दिलचस्प और संवादात्मक तरीके से प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध है
विशेष संचार मॉड्यूल विशेष रूप से चिन्हित क्षेत्रों के आधार पर विकसित किए गए हैं
राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी)ने हाल ही में स्वास्थ्य एवं जोखिम संचार पर शुरू किए गए कार्यक्रम ‘कोविड-19 पर केंद्रित विज्ञान एवं स्वास्थ्य पर जागरूकता का वर्ष (वाईएएसएच)’ के लिए सूचना विवरणिका (ब्रोशर) जारी की है। इस विवरणिका में विशेष रूप से कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न जोखिमों, संकटों,आपदाओं और अनिश्चितताओं के मुद्दों को हल करने के लिए देश में इस तरह के बड़े कार्यक्रम की उत्पत्ति और आवश्यकता के बारे में जानकारी उपलब्ध है। यह कार्यक्रम मौजूदा और भावी चुनौतियों से निपटने की बेहतर तैयारी के लिए विज्ञान और स्वास्थ्य को लेकरलोगों की समझ और जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने बताया कि जागरूकता और पहुंच को ध्यान में रखते हुए निर्मित कार्यक्रमों और गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला की परिकल्पना की गई है, जिसमें प्रिंट,इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल, लोक और संवादात्मक मीडिया शामिल हैं। इसका उद्देश्य इस अभियान के तहत समाज के बड़े हिस्से तक संदेश पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि विवरणिका पर दिए गए वाईएएसएच कार्यक्रम के लोगो को शांति और आनंद की लहर पैदा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यहआखिर में स्थिति पर काबू पाने की भावना को दर्शाता है और यह विज्ञान, स्वास्थ्य, जोखिम,और जागरुकता के संदेशों को आगे बढ़ाने के एक अग्रदूत के रूप में कार्य करेगा।
जमीनी स्तर पर दिलचस्प और संवादात्मक तरीके से प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए कोविड-19 पर केंद्रित स्वास्थ्य एवं जोखिम संचार पर एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं जोखिम संचार कार्यक्रम की योजना बनाई गई है और इसे पूरे भारत में उपस्थिति और पहुंच तंत्र के साथ बड़े पैमाने पर लागू किया जा रहा है। इसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के राज्य परिषद शामिल किए गए हैं। इस कार्यक्रम के तीन प्रमुख घटकों में सॉफ्टवेयर / सामग्री विकास,क्षमता विकास और प्रसार एवंपहुंच शामिल हैं।
यह गतिविधियाँ छह क्षेत्रों, पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, मध्य और पूर्वोत्तर में चलाई जा रही हैं। विशेष संचार मॉड्यूल विशेष रूप से चिन्हित क्षेत्रों के आधार पर विकसित किए गए हैं और इससेसामुदायिक स्वास्थ्य से संबंधित गतिविधियों के लिए संचारकों और स्वयंसेवकों की नेटवर्किंग और प्रशिक्षण में बढ़त मिलेगी। कोविड-19 के कारण उत्पन्न महामारी के वर्तमान परिदृश्य ने ऐसी चिंताएं और चुनौतियां पैदा कर दी हैं जहां वैज्ञानिक जागरूकता, स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों औरप्रामाणिक वैज्ञानिक जानकारी का उपयोग करते हुए ही स्थिति का मुकाबला किया जा सकता है। इनसे इसमें शामिल जोखिमों को हल करने और स्थिति पर काबू पाने के लिए समुदायों को सुविधा प्रदान करने में भी मदद मिलेगी।
सूचना विवरणिकास्वास्थ्य को लेकर जमीनी स्तर पर किए गए कार्यों की प्रशंसाऔर बड़े स्तर पर लोगों के जीवन को बचाने और उन्हें आकार देने के साथ-साथ लोगों में आत्मविश्वास बढ़ाने,वैज्ञानिक सोच विकसित करने और उनमें स्वास्थ्य चेतना को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक और प्रभावी विज्ञान एवं स्वास्थ्य संचार प्रयास पर प्रकाश डालती है। विवरणिका को www.dst.gov.inसे डाउनलोड किया जा सकता है।
(इस बारे में विस्तृत जानकारी के लिए कृपया एनसीएसटीसी के सलाहाकार और प्रमुख डॉ मनोज कुमार पटैरिया से[email protected], मोबाइल– 9868114548 पर संपर्क करे)