दुकानों के खोलने का आदेश नहीं देने से रोष
मनीष रंजन की रिपोर्ट
झारखंड सरकार के प्रतिनिधि द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद आज जूते ,कपड़े एवं अन्य वस्तुओं की दुकानों को लेकर कोई आदेश नहीं देना व्यापारियों को अपने हाल पर छोड़ देने जैसा है। धनबाद के विभिन्न चैंबर के पदाधिकारियों ने सरकार के इस ढुलमुल रवैये को लेकर अपनी बातें कही ।
बैंक मोड़ चैंबर ऑफ काॅमर्स के सचिव श्री प्रमोद गोयल ने कहा कि आज हो सकता है कानून के भय से व्यवसायी खून के आंसू पी कर रह जाय
लेकिन जिस दिन उनका आक्रोश फटेगा उस दिन ना तो व्यापारी जीतेगा और ना ही सरकार , हां लोकतंत्र जरूर हार जाएगा। स्वतंत्र देश में जनाक्रोश को उपजाने का कार्य किसी भी सरकार को नहीं करना चाहिए। ये ना तो लोकहित और ना ही लोकतंत्र हित में है।
बैंक मोड़ चैंबर के अध्यक्ष श्री प्रभात सुरोलिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जी न तो अपने पार्टी की ना ही मंत्रियों की और ना ही व्यापारिक संगठनों की बात सुन रहे हैं, सिर्फ अपने मन की बात सुन रहे हैं । वो राज्य के मुखिया हैं, उन्हें राज्य के लोगों की बातों को सुनकर सही निर्णय लेना चाहिए । राज्य में व्यवसायियों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है ।
इसी संदर्भ में पुराना बाजार चैंबर के पूर्व अध्यक्ष श्री सोहराब खान ने मुख्यमंत्री जी के तरफ से आज दुकानों के खोलने का आदेश के मामले में चुप रहना व्यापारियों के मन को बहुत बड़ी चोट लगी है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ होने वाली वार्ता की बातें कही है एवं उसके बाद ही उचित निर्णय लेंगे । जबकि प्रधानमंत्री जी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को अपने-अपने राज्य में स्थिति के अनुसार निर्णय के लिए स्वतंत्राता दी है ।