रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आम रामबाण

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डा आर लाल गुप्ता लखीसराय
यूं तो मौसमी फल सब्जियां में प्रकृति प्रदत्त ईन्सान के लिए अकूत गुण है। जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। वहीं गर्मीयों में फलने वाला फलों के राजा आम जहां गर्मी जनित रोगों को नाश करता है वहीं पौष्टिकता से भरे रहने के कारण शरीर को स्वस्थ व उर्जावान बनाने में इसका अहम भूमिका माना जाता है। गरमी के ताप को झेलने यथा लू से बचाव के साथ लू का असर हो जाने पर कच्चा आम महौषधी का काम करता है।कच्चे आम का अचार का स्वाद भला किस भारतीय से छुपा होगा।जिसे बनाने के बाद सालों भर संग्रह किया जाता है।अगर लीट्टी-चोखा का नाम बिशेष व्यंजन में शुमार है तो लीट्टी-अचार का मज़ा भी अजीब लज़ीज़ माना जाता है।जो कम समय में भारतीय किसान इसका बर्षो से सेवन करते आ रहे हैं। बीते दशकों में बरसात के दिनों में जहां खाना बनाने के लिए सुखी लकड़ियों का अभाव हो जाता था वहीं उपले की मदद से लीट्ठी में घी मिलाकर अचार के साथ खाना किसानों की पसंदीदा भोजन में शुमार था।आज गैस पर खाना बनाने के बाबजूद शौक़ से हरेक तबके के लोग लीट्टी के साथ आम का अचार का सेवन करते हैं।आम के खट्टापन के चलते इसका सेवन से दांतों की सफाई भी हो जाया करती है।
आमों कई प्रजातियां हैं। जिसमें मालदा,जर्दालु,सीपीया कृष्ण भोग आदि बेहतर किस्म माने जाते हैं। वहीं इस साल आम के बेहतर फसल होने के कारण आम का दाम औसतन है जिसे हर वर्ग के लोगों के थाली में देखा जा रहा है।

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