अदाणी फाउंडेशन की कार्यशाला में श्री विधि से धान के बेहतर पैदावार का प्रशिक्षण

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वर्तमान समय में तकनीक आधारित खेती ना सिर्फ रोजगार का सबसे बेहतर विकल्प है बल्कि अच्छी आमदनी का बेहतरीन जरिया साबित हो सकता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अदाणी फाउंडेशन की ओर से मोतिया गांव में धान के बेहतर पैदावार के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में जिला प्रशासन के दिशा निर्देश पर कृषि विकास केन्द्र और नीति आयोग के तकनीकी संरक्षण में विशेषज्ञों ने श्री विधि से धान की खेती के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी गई। श्री विधि धान की फलत की बेहतर पैदावार करने और अधिक उपज प्राप्त करने का सरल माध्यम है। विशेषज्ञों ने बताया कि श्री विधि से खेती करने पर न सिर्फ बीज की लागत में कमी आती है बल्कि कम पानी और कम शारीरिक श्रम से बेहतर पैदावार करके आमदनी बढ़ाया जा सकता है। नीति आयोग के अधिकारी संतोष कुमार ने जहां एक ओर किसानों को श्री विधि से धान की खेती के लिए प्रोत्साहित किया तो वहीं अदाणी फाउंडेशन की ओर से किसानों को बेहतर बीज एवं वर्मी कंपोस्ट के प्रदान करने की बात कही गई। अदाणी फाउंडेशन के अधिकारियों ने बताया कि तीन महीने पूर्व भी कृषि विकास केन्द्र के माध्यम से कार्यशाला आयोजित करके किसानों को वर्मी कंपोस्ट तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया था। कार्यशाला में शामिल तकरीबन पचास किसानों ने अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन भी किया है, जो अब धान की फसल लगाने वक्त इस्तेमाल की जाएगी। आदाणी फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यशाला में मोतिया के अलावा डुमरिया, बलियाकित्ता, अमड़ा-कनौली, कौड़ी-बहियार, गंगटा, नयाबाद आदि गांव के तकरीबन 60 पुरूष और महिला किसान शामिल थे। किनानों में मुख्यरूप से लक्ष्मीकांत चौधरी, वासुदेव चौधरी, अंजनी चौधरी, संजय पासवान, सुशीला देवी, बिटिया मुर्मू, अकलू मुर्मू, आदि शामिल हुए.

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