योग के साथ राजयोग का समावेश मणिकांचन संयोग-बीके संतोषी
डा आर लाल गुप्ता लखीसराय
जिले के कजरा में संचालित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शाखा गीता पाठशाला की संचालिका बी.के.संतोषी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मोबाइल कान्फ्रेंसिंग से ब्रह्माकुमारी के बहनों एवं भाईयों को संबोधित करते हुए कहा कि योग के साथ राजयोग का समावेश मणिकांचन संजोग माना जाएगा।
उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से शरीर में रक्त का संचार, प्राणवायु आक्सिजन की समुचित मात्रा शरीर में जाने से रक्त की शुद्धि हो जाता है। जिससे शरीर उर्जावान बन जाता है। इसलिए योग भी महत्वपूर्ण है शरीर के स्वास्थ्य के लिए। वहीं अगर योग के साथ ब्रह्माकुमारी संस्था के द्वारा दिया गया ईश्वरीय वरदान स्वरुप राजयोग को समावेश कर लिया जाय तो मन के तार ईश्वरीय शक्ति से सीधे जुड़ने में सहायक होती और मन के विकार दुर हो जाने से ईन्सान में दैवीय शक्ति के गुण पनपते हैं जिससे मन की शांति के साथ विश्व शांति की परिकल्पना सफल एवं सार्थक हो जाते हैं। इसलिए योग के साथ राजयोग का समावेश मणिकांचन संयोग है। जिससे साकारात्मक विचार के साथ ईश्वरीय गुण पनपना तय है। उन्होंने विश्व योग दिवस पर लोगों से प्रजापति ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शाखा से जुड़कर योग के साथ राजयोग जीवन में अपनाने का आह्वान किया।