आईएसीएस कोलकाता इंस्पायर के ब्लैक होल और गुरुत्वीय तरंगों पर किए गए कार्य हमारी प्रकृति के बुनियादी तत्वों को समझने में सहायता करते हैं

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डा. सुमंत चक्रवर्ती इंडियन एसोसिएशन फार द कल्टीवेशन साईसंज (आईएसीएस) में स्कूल ऑफ फिजिकल साईंसेज एवं स्कूल आफ मैथेमेटिकल एंड कंप्यूटेशनल साईंसेज से जुड़े हुए हैं, जोकि भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा गठित इंस्पायर फैकल्टी अवार्ड से पुरस्कृत है। डा. चक्रवर्ती ने ब्लैक होल के ऊष्मागतिक (थमोडैनमिक) गुणों पर गौर करने के लिए नए तरीके उपलब्ध कराए है। इन क्षेत्रों में उनके सैद्धान्तिक कार्यों के जरिये विकसित तकनीकों का नियमित रूप से उपयोग अब ब्लैक होल एवं इसके अन्य विभिन्न अवतारों से संबंधित विभिन्न विश्लेषणों में किया जा रहा है।

डा. चक्रवर्ती का शोध कार्य मुख्य रूप से गुरुत्वीय भौतिकी एवं विशेष रूप से ब्लैक होल के क्षेत्रों में केंद्रित है।

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गुरुत्वीय तरंग खगोल विद्या एवं ब्लैक होल छाया मापन में हाल की प्रगति का उपयोग गुरुत्वीय सिद्धांतों को बेहतर तरीके से समझने में किया जा सकता है। इन दिशाओं में किए गए उनके कार्य न केवल मानक अंतरिक्ष पर सीमा प्रदान करते हैं बल्कि यह बाद के विश्लेषणों के लिए भी एक मार्गदर्शी सिद्धांत के रूप में कार्य कर रहा है।

इंस्पायर फैकल्टी फेलोशिप के कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा निष्पादित शोध कार्य के प्रति राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दोनों ही समुदायों ने उल्लेखनीय दिलचस्पी प्रदर्शित की है। उनके अनुसंधान द्वारा विकसित तकनीकों का वर्तमान में अन्य शोध कार्यकलापों में भी उपयोग हो रहा है। गुरुत्वीय तरंग के क्षेत्र में उनके कुछ उनके शोध कार्य आगामी एलआईजीओ-इंडिया वेधशाला एवं गुरुत्वीय तरंगों का उपयोग करते हुए फंडामेंटल फिजिक्स को समझने में विश्व व्यापी दिलचस्पी को देखते हुए बेहद महत्वपूर्ण होंगे। 

गुरुत्वीय भौतिकी और विशेष रूप से ब्लैक होल दशकों से आम लोगों की कल्पना के बड़े आकर्षण रहे हैं। चूंकि उनका कार्य और विशिष्टता इस विशेष विषय में है, वह अक्सर छात्रों के बीच उन्हें इससे अवगत कराने के लिए सार्वजनिक व्याख्यान देते हैं कि किस प्रकार विज्ञान इन दिलचस्प विशेषताओं की व्याख्या कर सकता है और किस प्रकार ब्लैक होल को गुरुत्वीय तरंगों का उपयोग करने के द्वारा ‘देखा‘ जा सकता है। यह छात्रों एवं आम लोगों को हमारे आस पास की प्रकृति की व्याख्या में विज्ञान की उपयोगिता के बारे में और अधिक जागरूक बनाता है।

डा. चक्रवर्ती ने कहा, ‘ आपातकालीन अनुदान का उपयोग करते हुए, मैं नियमित रूप से संबंधित विषयों में संगोष्ठियों का आयोजन करता हूं जिससे कि मेजबान संस्थान में गुरुत्वीय भौतिकी पर शोध को प्रेरित किया जा सके। ‘

उन्हें उम्मीद है कि उनका शोध कार्य एलआईजीओ-इंडिया के एक प्रमुख वैज्ञानिक एजेंडा का काम कर सकता है क्योंकि वह भारत में इन शोध विषयों को आगे बढ़ाने वाले बहुत कम लोगों में एक हैं। डा. चक्रवर्ती ने कहा, ‘ यह निश्चित रूप से भारत में वैज्ञानिक कार्यकलापों को और बढ़ावा देने में सहायता देगा तथा भारतीय समाज की वैज्ञानिक समुदाय के साथ अधिक भागीदारी करने में मदद करेगा। ‘

( प्रकाशन लिंक: http://inspirehep.net/author/profile/Sumanta.Chakraborty.1

और अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: डा. सुमंत चक्रवर्ती ([email protected]

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