भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा मंदिर परिसर में ही होगी

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण काल से गुजर रहे झारखंड में अनलाॅक फेज में सभी तरह की गतिविधियों को शर्तो के साथ चालू करने की घोषणा हो गयी है और गतिविधियां भी धीरे-धीरे सामान्य हो रही है । धार्मिक स्थलों एवं सार्वजनिक परिवहन सेवा पर अभी पूरी तरह से पाबंदी है । धार्मिक स्थलों पर पाबंदी होने की वजह से मंदिरों में होने वाले त्योहारों की सिर्फ सांकेतिक परंपरा निभाई जा रही है । ऐसे में धनबाद के धनसार स्थित जगन्नाथ मंदिर में 23 तारीख मंगलवार को होने वाले रथ यात्रा के लिए रविवार को भगवान जगन्नाथ का नेत्र उत्सव मनाया गया । हालांकि सूर्य ग्रहण के कारण सुबह 6 बजे होने वाले उत्सव को टाल दिया गया तथा मंदिर की साफ- सफाई के बाद शाम 7 बजे से नेत्र उत्सव अनुष्ठान की शुरुआत की गई । भगवान के जागते ही रथ यात्रा की शुरुआत हो गयी । पंद्रह दिन पूर्व एक सौ आठ घडों से स्नान करने के बाद भगवान जगन्नाथ बिमार पड जाते हैं तथा भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ एकांतवास में रहते हैं । नेत्र उत्सव के बाद भगवान जगन्नाथ को सिंहासन पर बिठाया गया । मंदिर में आमजनों के लिए प्रवेश की अनुमति नहीं थी इसलिए भीड़ नहीं थी। जगन्नाथ मंदिर के पुजारी श्री देवाशीष पांडा ने बताया कि सभी कार्यक्रमों में सोशल डिसटेंसिंग का पालन करते हुए किया जा रहा है तथा आज सोमवार को सुबह 6 बजे सिंहासन आरोहण पूजा हुआ। रथयात्रा मंगलवार को मंदिर परिसर में ही परिक्रमा करते हुए होगी ।

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