लाॅकडाउन के व्यवसायी मानवता का परिणाम यूजर चार्ज का फरमान
मनीष रंजन की रिपोर्ट
वैश्विक महामारी कोविड 19 की वजह से धनबाद शहर में लाॅकडाउन में यदि सबसे ज्यादा कोई बुरी तरह से प्रभावित हुआ है तो वो व्यापारी ही रहा है । यह कहना है फेडरेशन ऑफ धनबाद जिला चैंबर आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज के वरीय उपाध्यक्ष एवं सरायढेला चैंबर ऑफ काॅमर्स के अध्यक्ष श्री शिवाशीष पाण्डेय का । उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन पीरियड में बिना किसी आय के प्रतिष्ठान का भाड़ा,बिजली का बिल, कर्मचारियों का वेतन, इएमआई किस्ते तथा अपने व्यापार को बचाए रखने के लिए अनेक खर्च प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किये। यही नहीं केन्द्र सरकार , राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के निर्देशानुसार हजारों लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था ,प्रशासन के आग्रह पर चप्पल बैंक बनाने के लिए पांच सौ जोड़ी चप्पलों की व्यवस्था, भिन्न-भिन्न स्थानों पर प्रवासियों के लिए शरबत, सत्तु , पनशाला की व्यवस्था इन्ही संघर्षरत व्यापारियों द्वारा नगर निगम तथा अन्य शहर से दूर सुदुर क्षेत्रों में भी किया गया ।
व्यवसायी हर समय ट्रेड लाईसेंस, होल्डिंग टैक्स आदि नगर निगम को चुकाते ही आ रहे हैं, तो अब इस संकट की घड़ी में जब व्यापारी केन्द्र सरकार से, राज्य सरकार से स्थानीय प्रशासन से, नगर निगम से किसी राहत या सहयोग की अपेक्षा कर रहा था किन्तु आशा के विपरीत धनबाद नगर निगम द्वारा अविवेक पूर्ण ढंग से यूजर चार्ज लगाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है । यह अन्यायपूर्ण है तथा कहीं से न्यायोचित नहीं है । यह न तो व्यापार हित में है न व्यापारियों के हित में। उन्होंने यह भी कहा कि यह निश्चित है कि व्यापारी जब कमाएगा तभी किसी की मदद या कोई नया या फिर पुराना कर दे पाएगा ।व्यापारी अभी लाॅकडाउन के बाद उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है तथा सरकार से हर प्रकार के रियायत की आशा कर रहा है । उन्होंने यह भी कहा कि धनबाद के समस्त व्यापारियों के मन में यह प्रश्न है कि यूजर चार्ज यदि सफाई के लिए लिया जाएगा तो फिर ट्रेड लाईसेंस, होल्डिंग टैक्स किसलिए लिया जाता है तथा भविष्य में व्यवसायियों से और कौन-कौन सा टैक्स लिया जायेगा ?