महामारी के कारण बासुकीनाथ में फौजदारी बाबा का दरबार सुना सुना
पंडा पुरोहित दुकानदार से लेकर कांवरिया और आम लोगों में मचा त्राहिमाम
बासुकीनाथ संवाददाता
श्रावणी मेला में कांवरियों से चौबीसों घंटे गुलजार रहने वाला बासुकिनाथ को कोरोना के नजर लग जाने से सब का धंधा चौपट हो गया है। लाखों की कमाई करने वाले पंडा पुरोहित एवं दुकानदारों को फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं हो पा रहा है। बाहर वाले भी यहां होने वाले श्रावणी मेला पर वर्षों से नजर गड़ाए रहते थे। देश विदेश से आए श्रद्धालुओं की कमाई से सालों भर भरण पोषण करने वाले लोगों के मुंह की लाली छीन गई है। श्रावणी मेला में कमाई नहीं होने के गम से सैकड़ों परिवारों के ऊपर अस्तित्व का संकट मंडराने लगा है। बीते मार्च महीने से कोरोना के मार से टूट चुकी आम लोगों की कमर मेला की आस में बैठे थे। लेकिन मेला पर प्रतिबंध लग जाने से इनकी उम्मीदों पर पानी फिर चुका है। कर्ज के बोझ से लड़खड़ाती जिंदगी अपने भविष्य को लेकर चिंता के समंदर में डूबी हुई है। मेले में घूम घूम कर सिंदूर चूड़ी लहठी माला झोला एवं अन्य सामग्रियों को बेचकर गुजारा करने वाले परिवार निशब्द है। लोगों का कहना है सरकार द्वारा चावल और गेहूं के पैकेट से अब जिंदा रहना टेढ़ी खीर है। पंडा समाज के लोग भी किसी प्रकार के सरकारी आर्थिक सहायता नहीं मिलने से दुखी है। पंडा धर्म रक्षिणी सभा के महामंत्री पंडित संजय झा मुख्यमंत्री के सहायता दिए जाने के आश्वासन पर अभी भी उम्मीद टिकाए हुए हैं। वही पंडित राम झा ने भी मुख्यमंत्री से सहायता की गुहार लगाई।