रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सीमा संबंधी बुनियादी ढांचे की प्रगति की समीक्षा की
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज सीमा क्षेत्रों में निर्माणाधीन कई बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के लिए यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार तथा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी भाग लिया।
सीमा क्षेत्रों के साथ फारवर्ड कनेक्टिविटी की समीक्षा की गई और वर्तमान में जारी परियोजनाओं को बढ़ावा देने की निरंतर आवश्यकता तथा रणनीतिक सड़कों, पुलों एवं सीमा क्षेत्रों में सुरंगों के निर्माण में तेजी लाने पर चर्चा की गई। बीआरओ ने वित वर्ष 2018-19 की तुलना में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 30 प्रतिशत अधिक कार्यों का निष्पादन किया है।
बीआरओ ने विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति को बिना प्रभावित किए कोविड-19 के कारण लगाए गए प्रतिबंधों के दौरान भी लगातार कार्य किया है। 60 वर्ष पुराने रिकार्ड को तोड़ते हुए इस वर्ष अभूतपूर्व हिमपात हुआ है, इसके बावजूद इस वर्ष सभी रणनीतिक सड़कों एवं दर्राओं को उनके औसत वार्षिक रूप से खोले जाने के समय से लगभग एक महीने पहले उन्हें ट्रैफिक के लिए साफ कर दिया गया था। बीआरओ ने जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश में 149 सड़कों (3,965 किलोमीटर) पर बर्फ साफ करने का कार्य निष्पादित किया। इसने टुकड़ियों एवं लाजिस्ट्क्सि की आगे के क्षेत्रों में त्वरित एवं आरंभिक आवाजाही सुनिश्चित की।
बीआरओ को उसकी उपलब्धियों के लिए बधाई देते हुए, रक्षा मंत्री ने उसे और अधिक प्रशंसा हासिल करने के लिए अपने कार्य को जारी रखने के लिए प्रेरित किया। बीआरओ ने नवीनतम उपकरणों और मशीनों को भी शामिल किया है और प्लास्टिक्स, जियोटेक्सटाइल आदि के उपयोग से सीमेंटेशन बेस के साथ सर्फेस करने वाले कार्यां तथा ढाल स्थिरीकरण के लिए विभिन्न तकनीकों में तेजी लाने के लिए सफल परीक्षणों के बाद आधुनिक निर्माण पद्धतियों को लागू किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया‘ पहल के तहत गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) के सहयोग से स्वदेशी रूप से निर्मित मोडुलर पुलों के लिए सफलतापूर्वक परीक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। इससे आगे के क्षेत्रों में पुल बनाने के कार्यां में क्रांतिकारी बदलाव आ जाएगा।
श्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा में उनके योगदान के लिए बीआरओ के प्रयासों की सराहना की।