कजरा में पुलिस के सख्ती से बंद हुआ दुकानें

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डा आर लाल गुप्ता लखीसराय
कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए बिहार सरकार ने वेशक बहरहाल 31जुलाई तक
पुरे बिहार में पुर्ण लॉक डाउन की घोषणा कर दी है। बाबजूद इसके गांवों में इसका पालन होने पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है।विशेषकर कजरा में दुकानदारों व खरीददारों के बीच न तो लाक डाउन का पालन हो रहा और न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है।ऐसे में शहर से गांव में पहुंच चुके मानव काल के रुप में कोरोना पाज़िटिव की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। जिसके विरुद्ध कजरा पुलिस के द्वारा दुकानदारों को समझाते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की सख्ती अख्तियार करने पर वे अपने अपने दुकान को आधे मन से बंद कर पाए।पता नहीं इनकी नाकारात्मक सोच का हीं नतीजा है कि पुलिस की वाहन जैसे ही इनके दुकान से आगे बढती है वे फ़िर से अपनी दूकानदारी में लग जाते हैं। शाय़द इनकी मंशा है कि यह कोरोना काल उन्हें बेहतर कमाई का मौका दिया है जो सर्वथा निराधार है। ऐसे लोग अपने हीं नहीं बल्कि परिवार के लिए भी शुभचिंतक नहीं हो सकते साथ हीं समाज के लिए भी घातक हैं।जिसे आम आदमी अथवा खरीददार को भी समझना होगा और जागरूक होना पड़ेगा।अन्यथा वे चाहे अनचाहे आने वाले समय में कोरोना को फ़ैलाने का वाहक सिद्ध होंगे और वे खुद भी कोरोना के चपेट में आकर समाज में भी कोरोना फैलाने का कारक बन सकते। जिसके लिए पुलिस प्रशासन मजबुर होकर उनके विरुद्ध सख्ती अपनाने को विवश है।
यही कारण है कि पुलिस प्रशासन के लोग भी इन्हीं वेख्याली लोगों के कारण कोरोना के चपेट में आ रहे हैं। इसलिए समय रहते प्रत्येक लोगों को सरकार के नख्शे कदम पर चलना होगा तभी कोरोना को मात देना संभव हो पायेगा जिसे आत्मशात करने की आवश्यकता है।

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