पांच रफाल लडाकू विमानों का पहला बेडा अंबाला पहुंचा

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पांच रफाल लडाकू विमानों का पहला बेडा आज तीसरे पहर अंबाला पहुंचा। अंबाला वायुसेना केंद्र पर इन विमानों को वाटर कैनन सैल्‍यूट दिया गया। भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करने पर इस बेडे के साथ दो सुखोई सुपरसोनिक विमानों ने भी उडान भरी। भारतीय क्षेत्र में आने पर रफाल के बेडे का पश्चिमी अरब सागर में तैनात भारतीय नौसेना के युद्धपोत आई.एन.एस. कोलकाता ने रेडियो संपर्क स्‍थापित करके स्‍वागत किया। 

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया त‍था वायुसेना की पश्चिमी कमान के प्रमुख एयर मर्शाल बी. सुरेश ने अंबाला हवाई अड्डे पर पांच रफाल विमानों के पहले बेडे का स्‍वागत किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि रफाल लडाकू विमानों का भारत में आना देश के सैन्‍य इतिहास में एक नये युग की शुरुआत है। ट्वीट संदेश में श्री सिंह ने कहा है कि ये अत्‍याधुनिक विमान भारतीय वायुसेना की क्षमता में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएंगे। उन्‍होंने इन विमानों को सुगमता से लाने के लिए भारतीय वायुसेना को बधाई दी। उन्‍होंने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि 17वी स्‍क्‍वाड्रान के गोल्‍डन एरोज अपने उद्देश्‍य-उद्यम अजस्रम पर खरे उतरेंगे। श्री सिंह ने भारतीय वायुसेना में सही समय पर इन अत्‍याधुनिक विमानों के शामिल होने पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने कहा कि इन विमानों की खरीद प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के सही समय पर लिए गए फैसले के कारण संभव हो सकी है, क्‍योंकि भारत और फ्रांस के बीच काफी लंबे समय से इस खरीद का मामला लंबित था। उन्‍होंने प्रधानमंत्री को इस निर्णयात्‍मक साहस के लिए धन्‍यवाद दिया। साथ ही उन्‍होंने फ्रांस की सरकार और संबंधित कंपनियों को भी कोविड महामारी के दौरान लगे विभिन्‍न प्रतिबंधों के बावजूद समय पर इन विमानों तथा संबंधित आयुध की आपूर्ति के लिए धन्‍यवाद दिया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि इन विमानों की उडान क्षमता, इनके अस्‍त्र-शस्‍त्र तथा रडार और सेंसर जैसी विशिष्‍टताएं दुनिया में श्रेष्‍ठतम में से हैं। इन विमानों के भारत में आने से देश को होने वाले किसी भी खतरे से मजबूती से निपटने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने इस खरीद के खिलाफ लगाए गए आधारहीन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस बारे में पहले ही स्‍पष्‍टीकरण दिया जा चुका है।

इस बेडे में तीन एक सीट वाले तथा दो सीट वाले दो रफाल विमान हरियाणा के अंबाला हवाई अड्डे में भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाएंगे। फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट द्वारा निर्मित इन विमानों ने सोमवार को दक्षिण फ्रांस के बोर्डो  मेरिग्नैक एयरबेस से भारत के लिए उडान भरी थी। ये पांच विमान 2016 में भारत द्वारा 59,000 करोड़ रुपये के अंतर-सरकारी सौदे में फ्रांस से खरीदे गए 36 विमानों का हिस्सा हैं। इन विमानों ने बीच में ईंधन भरने के लिए केवल एक स्‍थान पर संयुक्त अरब अमारात स्थित फ्रांसीसी वायु केन्‍द्र पर रूकते हुए फ्रांस से भारत की लगभग 7,000 किमी की दूरी तय की। फ्रांस में भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा, दस विमानों की डिलीवरी तय समय पर पूरी हो गई है लेकिन पांच विमान प्रशिक्षण मिशन के लिए फ्रांस में रहेंगे। सभी छत्तीस विमानों की डिलीवरी 2021 के अंत तक तय समय पर पूरी हो जाएगी।

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