सूर्यगढ़ा के उत्तरायण गंगा का पावन गंगा जल भेजा गया अयोध्या

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डॉ आर लाल गुप्ता लखीसराय
सूर्यगढ़ा के उतरायण गंगा के पावन गंगाजल अयोध्या भेजा गया। इसकी जानकारी
जदयू प्रदेश महासचिव जनार्दन प्रसाद महतो अधिवक्ता एवं भाजपा मंडल अध्यक्ष संजीत कुमार भारद्वाज ने संयुक्त रूप से देते हुए बताया कि श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में 5 अगस्त 2020 के शुभवेला में भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी के कर कमलों द्वारा दुनिया का मशहूर श्री राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया जा रहा है जिससे देश विदेश से बेशकीमती पत्थर एवं 159 नदियों सहित नेपाल से समुद्री जल एवं मिट्टी संग्रह किया जा रहा है। इसी परिपेक्ष्य में कजरा के श्रृंगी ऋषि धाम, इंद्रदमनेश्वर अशोक धाम बालगुदार लखीसराय से मिट्टी भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा भेजी जा चुकी है। परंतु जिस सूर्यगढ़ा की गंगा नदी के उत्तरायण भाग पर अवस्थित पुरानी बाजार जहाज घाट रिया पट्टी घाट और श्री गौरी शंकर घाट पर जहाज से राजा दशरथ गंगा जल भरने व स्नान करने उतरे थे,और वे अपनी पत्नी कौशल्या से जन्मी पुत्री शांता की शादी भागलपुर स्थित श्रृंगी ऋषि मुनि से किए थे श्रृंगी ऋषि मुनि कजरा जंगल में तीन पहाड़ों के बीच गर्म जल झरने के स्थान को चयन कर भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग स्थापित कर सांसारिक माया मोह त्याग कर ईश्वर से मनोकामना पूरी करने में तपस्या करने लग गए थे।
राजा दशरथ अपनी तीन रानियों के साथ अपनी पुत्री शांता के यहां भागलपुर आए थे तीनों माताएं का अनाथ पुत्रों देख अपने पिता को सलाह दी कि जाइए सूरजगढ़ा स्थित कजरा पहाड़ के बीच में श्रृंगी ऋषि मुनि से (आशीर्वाद) वर मांग लीजिए श्रृंगी ऋषि ने राजा दशरथ को पुत्र प्राप्ति हेतु पुत्रयेस्ट्ठी यज्ञ किया था। जिसमें श्री गौरी शंकर धाम से ही श्रृंगी ऋषि मुनि सहित दर्जनों ऋषि-मुनियों ने जल भरकर ले गए थे उसके बाद जब राम लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न जन्म लिए तब जाकर उत्तर वाहिनी गंगा तट पर जलाभिषेक करते हुए श्रृंगी ऋषि धाम कजरा पहाड़ पर मुंडन करवाएं थे।
ऐसे पावन जल को स्पीड डाक के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा गया है।

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