उपायुक्त ने की अस्पताल एवं होटल प्रबंधकों के साथ बैठक
एसिम्टोमैटिक, हल्के लक्षण वाले मरीजों को होटल में पेड आईसोलेशन की सुविधा देने पर किया गया विचार विमर्श
उपायुक्त श्री उमा शंकर सिंह ने आज समाहरणालय के सभागार में अस्पताल एवं होटल प्रबंधकों के साथ हलके लक्षण वाले कोविड-19 संक्रमित मरीजों को होटल में पेड आइसोलेशन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विचार विमर्श किया।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन ने कोविड संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए 350 बेड तैयार कर लिए हैं। चार-पांच दिनों में एक हजार बेड की क्षमता को तैयार करने के लिए कृत संकल्प है।
उन्होंने कहा कि विगत दिनों पाया गया है की 30 से 40% मरीज अपने खर्च पर होटल आइसोलेशन की सुविधा को प्राप्त करने में सक्षम है। ऐसे मरीजों के लिए जिला प्रशासन, हॉस्पिटल तथा होटल प्रबंधक मिलकर काम कर सकते। इसके लिए अस्पताल एवं होटल प्रबंधकों इडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), नई दिल्ली द्वारा जारी एसओपी का पालन करना अनिवार्य होगा।
ऐसे कर सकते हैं अस्पताल एवं होटल आपस में टाई अप
उपायुुक्त ने बताया कि अस्पताल एवं होटल आपस में टाई आप करें। होटल में पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मल स्क्रीनिंग से जांच करना अनिवार्य होगा। हॉस्पिटल प्रबंधक उस होटल में पारा मेडिकल कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराएंगे। होटल में पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की उपलब्धता, बुनियादी सुविधाएं और इस कार्य के लिए इच्छुक होटल को शहरी क्षेत्र और घनी आबादी से दूर होना होगा। होटल कर्मियों एवं चिकित्सकों के लिए पीपीई किट, ग्लव्स, फेस शिल्ड, मास्क, सैनिटाइजर इत्यादि की व्यवस्था करनी होगी। साथ ही वहां भर्ती मरीजों को पौष्टिक आहार देना होगा। कमरे एवं शौचालय की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा। अस्पताल प्रबंधक आवश्यक दवाई, चिकित्सक उपलब्ध कराएंगे।
अस्पताल और होटल के बीच जिला प्रशासन बनेगा सेतु
उपायुक्त ने कहा कि इस कार्य में जिला प्रशासन अस्पताल एवं होटल के बीच सेतु बन कर काम करेगा। होटल आइसोलेशन में हलके लक्षण वाले मरीजों की तबीयत खराब होने पर जिला प्रशासन मदद करेगा। मरीज को जिले से बाहर अन्य अस्पताल में इलाज के लिए रेफरेंस सर्टिफिकेट भी शीघ्र उपलब्ध कराएगा। साथ ही जिला प्रशासन द्वारा 24 x 7 होटल में दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।
बैठक में उपायुक्त श्री उमा शंकर सिंह, अपर समाहर्ता श्री श्याम नारायण राम, अनुमंडल दंडाधिकारी श्री राज महेश्वरम, निदेशक डीआरडीए श्री संजय कुमार भगत, डॉक्टर निर्मल ड्रोलिया, डॉक्टर ए.एम. रॉय, दीपक पोद्दार व अन्य लोग उपस्थित थे।