सक्षम भारत के लिए सस्क्त आयकर प्रणाली हो –कुमार मधुरेन्द सिंह

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

वैश्विक महामारी कोविड 19 की वजह से देश भर में हर वर्ग के लोग परेशान हैं। मध्यम वर्ग के लोगों के लिए अपनी उपलब्ध संसाधनों से भी पुरा करना नाकाफी साबित हो रहा है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की अस्सी करोड़ जनता को मुफ्त में अनाज देने की घोषणा की।
देश की समस्त आबादी को भी इस संक्रमण काल में अनाज दी जाये ,इस संदर्भ में धनबाद के श्री कुमार मधुरेन्द सिंह, केन्द्रीय उपाध्यक्ष, मानव अधिकार अपराध एवं भ्रष्टाचार विरोधी संगठन ने पत्र लिखकर एवं ईमेल के द्वारा अवगत कराया था। उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस काल में एक सौ तीस करोड़ जनता को अनाज मिले। उन्होंने एक सुझाव दिया है कि देश के प्रत्येक नागरिक जो आधार कार्ड रखें हो उन्हें पांच किलो अनाज दिये जायें ताकि इस संक्रमण काल में वो अपनी जिंदगी चला सके। आज प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम में देश की एक सौ तीस करोड़ आबादी से मात्र डेढ़ करोड़ आबादी ही आयकर देती है, इससे स्पष्ट होता है कि देश की शेष आबादी गरीबी रेखा के नीचे आ रही है। कुमार मधुरेन्द सिंह ने प्रधानमंत्री के वक्तव्य को देखते हुए कहा कि शायद देश की आबादी को यह समझना होगा कि या तो हम गरीबी रेखा के नीचे आ जायें और सभी सरकारी सुविधाओं को लें या सरकार को टैक्स देते रहें। आज भी देश में ऐसे कई लोग हैं जो अपने आप को गरीबी रेखा के नीचे रखकर शानो-शौकत के साथ सभी विलासिता जिंदगी जीते हैं। उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। चूंकि देश के आयकर के समुचित प्रणाली में इतनी पेचीदगियां हैं कि कई लोग अपनी आय को छिपाकर रखने में ही भलाई समझते हैं।

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