धनबाद जिले में मिलावटी खाद्य पदार्थ की जांच के लिए स्थायी फूड इंस्पेक्टर के लिए अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य को कुमार मधुरेंद्र सिंह ने पत्र लिखकर ईमेल किया

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मनीष रंजन की रिपोर्ट

हमारा देश आज डायबिटीक सहित अन्य बीमारियों का गढ़ बनते जा रहा है। इसकी एक बहुत बड़ी वजह है हमारे यहां की सरकारी संस्थाएं जो अपने कर्तव्य का निर्वहन करती है। खाद्य पदार्थ में मिलावट पर कड़ाई कर कार्रवाई नहीं करने से यह अब जड़ पकड़ लिया है। लोग खुलेआम मिलावट वाली सामग्री बेचते हैं। खुलेआम ठेले खोमचे पर हानिकारक केमिकल का प्रयोग लगातार हो रहा है।
धनबाद जैसे बड़े जिले में मिलावट का जांच का जिम्मा भी स्वास्थ्य विभाग के पास है। धनबाद नगर निगम क्षेत्र होने की वजह से नगर निगम में फूड इंस्पेक्टर पर अधिकारी पदस्थापित हैं लेकिन उन्हें फूड जांच का संपूर्ण अधिकार नहीं है। इसी महत्वपूर्ण बात को लेकर धनबाद के सामाजिक कार्यकर्त्ता और लोकहक मानव सेवा काउंसिल के केंद्रीय उपाध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र सिंह ने झारखंड सरकार के अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर ईमेल किया है जिसमें धनबाद के स्थानीय अखबार में छपी खबर में धनबाद जिले में पदस्थापित फूड सेफ्टी ऑफिसर तीन जिले के प्रभार में हैं जिससे किसी भी जिले में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच हो नहीं पाती है। उन्होंने सैंपल जांच वाहन उपलब्ध कराने की भी मांग की है ताकि तत्काल सैंपल लेकर उसकी जांच हो सके और मिलावट पाये जाने पर जुर्माना और सजा दी जा सके। तत्काल व्यवस्था होने पर मिलावटी सामान इस्तेमाल करने वालों को थोड़ा डर रहेगा और वे भविष्य में इस्तेमाल करने से कतरायेंगे। उन्होंने नगर निगम में पदस्थापित फूड इंस्पेक्टर अनिल कुमार को भी जांच करने का अधिकार देने की मांग की है।

उन्होंने पत्र की प्रति मुख्यमंत्री, झारखंड सरकार,स्वास्थ्य मंत्री, झारखंड सरकार,मुख्य सचिव, झारखंड सरकार, निदेशक, स्वास्थ्य विभाग, झारखंड सरकार, उपायुक्त, धनबाद, नगर आयुक्त, धनबाद एवं सिविल सर्जन, धनबाद को इस विषय पर विचार कर निर्णय लेने की अपील है।

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